जावद विधानसभा क्षेत्र में गुट गुट में बटी कांग्रेस को नही मिल रहा है विधायक सखलेचा का कोई तोड़

दिलीप सखलेचा की विशेष रिपोर्ट
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जावद । विगत 15 वषो से विपक्ष में बैठी कांग्रेस को जावद विधानसभा क्षेत्र में जावद विधायक ओम प्रकाश सखलेचा का कोई तोड़ नही मिल पा रहा है ।
2003 के पहले कार्यकाल में दिग्गिराजा विरोधी लहर या यूं कहें उमा भारती लहर में विजयी रहे ।
2008 के दूसरे कार्यकाल में भाजपा जिला अध्यक्ष भेरूदादा किलोरिया के निर्दलीय मैदान में आने से विजयी रहे ।
2013 के तीसरे कार्यकाल में कांग्रेस के राजकुमार अहीर के निर्दलीय मैदान में आने से विजयी रहे ।
अब मिशन 2018 की तैयारी है।
सवाल यह है की अबकी चौथी बार भी ओमप्रकाश सखलेचा को ही टिकट मिलेगा या नही कुछ कहा नही जा सकता ...!
लेकिन चौथी बार भी अगर टिकट मिलता है तो जावद विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसियों के पास विधायक सखलेचा का कोई तोड़ नही है ......!
कारण यह है की जावद विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस गुट गुट में बटी हुई है ।
अभी तीसरे कार्यकाल के विश्लेषण किया जाए तो कांग्रेस विपक्ष की भूमिका का भी निर्वहन नही कर सकी । और नही आम जनता की समस्या को उठा पाई ।
किसी भी कांग्रेसी ने विधायक सखलेचा का सिधे तोर पर किसी भी मुद्दे पर विरोध तक नही कर पाए ।
आज जितना भी विरोध क्षेत्र में ओमप्रकाश सखलेचा का होता है तो वह विरोध सिर्फ भाजपा नेता ही करते हुए दिखाई देते है ।
ओर अगर भजन मंडली की छटनी हो जाए तो शायद वह विरोध भी स्वतः ही समाप्त हो जाए ...!
आज भी विपक्ष के लोगो के काम सबसे पहले होते है तो फिर विपक्षी किस बात का विरोध करे ।
ओर कांग्रेस पार्टी से एक गुट वाले को टिकट मिलता है । बाकी के तीन ओर गुट वाले नतमस्तक हो जाते है ।
 ऐसी स्तिथि में फिलहाल तो विधायक सखलेचा का कोई तोड़ नही है ।
अब देखना यह है की विधायक सखलेचा को पुनः टिकट मिलता है या नही यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा !
अगर पुनः विधायक सखलेचा को टिकट मिलता है तो कांग्रेस के पास फिलहाल तो गुट बाजी के चलते कोई तोड़ नही है !

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