लगातार देश में हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं, पहले फ़िल्म के नाम पर हिंसा हुई और अब उत्तर प्रदेश के कासगंज शहर में हुई हिंसा से तो लग रहा है की भारत देश को किसी की नजर लग गई है, क्योंकि यहां पर लोग अपने ही भारत के दुश्मन बनकर अपने ही भारत का नुकसान करने में जुट गए हैं।

जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह असामाजिक तत्वों ने एक दुकान को आग के हवाले कर दिया। वहीं शनिवार शाम को उपद्रवियों ने एक खाली खड़ी कार को भी आग लगा दी थी। दावा किया जा रहा था कि शनिवार रात कोई हिंसा नहीं हुई। लेकिन सुबह होते ही फिर से अगजनी की घटना सामने आई। कुछ असामाजिक तत्वों ने एक मस्जिद के गेट को तोड़ने का प्रयास किया लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके क्योंकि पुलिस ने उन्हें खदेड दिया। इस बीच जिलाधिकारी आर पी सिंह ने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं 28 जनवरी रात 10 बजे तक बंद कर दी गई हैं। घटना को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

प्रमुख सचिव (गृह) अरविन्द कुमार ने कहा कि शनिवार 2 मामले दर्ज किए गए थे। दो मामलों में 9 गिरफ्तारियां की गईं। 40 और लोगों को एहतियातन गिरफ्तार किया गया।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि कुल 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़ सकती है। अलीगढ के मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने कहा कि शुक्रवार को जिस लडके की मौत हुई थी, उसकी अंत्येष्टि के बाद लौट रहे कुछ लोगों ने आगजनी और तोड़फोड़ की। इनमें से कुछ को धारा—144 का उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।

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