कोलकाता, दो फरवरी (भाषा) सत्तर फ्रेंच विद्वानों और अध्ययनकर्ताओं ने पिछले 3,000 साल के भारतीय साहित्य के सफर को क्रमवार कलमबद्ध करने का जिम्मा उठाया है।
फ्रांस के दो विद्वानों निकोलस देजेने और क्लॉडीन ली ब्लान्क ने यहां बताया कि दो प्रमुख फ्रेंच संस्थानों की इस परियोजना को फ्रांसीसी सरकार वित्त पोषण दे रही है जिसमें भारतीय साहित्य का अध्ययन किया जाएगा।
देजेने ने कहा, ‘‘हमने कालीदास की शकुंतला से लेकर अमिताव घोष की बिभूतिभूषण तक के साहित्य का कोष तैयार करने का जिम्मा लिया है। रबिंद्रनाथ टैगोर से आधुनिक बंगाली कवियों तक की कृतियों को इसमें शामिल किया जाएगा।’’
ब्लान्क ने कहा कि इसे डिक्शनरी एनसायक्लोपीडिया इंडियन लिटरेचर शीर्षक दिया गया है और वर्ष 2019 तक इसके पहले चरण का काम पूरा होने का लक्ष्य है।
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