प्रदेश सरकार पर हिंदूवादी विचारको को कुचलने का आरोप। अथिति विद्वानों ने मोहन भागवत को लिखा पत्र प्रदेश में भाजपा सरकार गिन रही है अंतिम सांसे।

सिंगोली। महबूब मेव।
मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग में विगत 26 वर्षों से कार्यरत ग्यारह हजार से ज्यादा अतिथि विद्वानों ने प्रदेश सरकार को उनकी उपेक्षा के लिए परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख श्री मोहन भागवत को लिखे गए पत्र में अथिति विद्वानों ने मध्य प्रदेश सरकार पर हिंदूवादी विचारको को कुचलने का आरोप लगाया है।
संघ कार्यालय को भेजे गये पत्र की एक प्रतिलिपि इस प्रतिनिधि को प्राप्त हुई है, जिसमें साफ-साफ लिखा गया है कि प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों में लगभग 90 फीसदी लोग शाखा संचालन, वर्ग संचालन और निर्देशित अन्य 32 संगठनों को सहयोग करते हुए संघ का कार्य करते है। अथिति विद्वानों की उक्त गतिविधियों के बारे में सरकार को कई बार अवगत करा दिया गया है, लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए मुख्यमंत्री लगातार 15 वर्षों से उनकी उपेक्षा कर रहे हैं। सरकार द्वारा लगातार हिंदूवादी विचारको को कुचला जा रहा है।                       अथिति विद्वानों ने श्री भागवत को अवगत कराया कि वे लगातार 26 वर्षों से प्रदेश के महाविद्यालयो में शैक्षणिक कार्य कर रहे हैं। लेकिन वेतन अब भी काल खंड व कार्य दिवस के आधार पर ही दिया जाता है। बतौर पारिश्रमिक अधिकतम 275 रुपये व 290 रुपए कार्य दिवस मानदेय मिलता है। अवकाश के दिनों का भुगतान नहीं किया जाता है। ऐसे में उनकी बदहाली निरंतर बढ़ रही है। वे सरकार से लगातार स्थाई नियुक्ति की मांग कर रहे है, लेकिन सरकार इसे विगत 15 सालों से नजर अंदाज कर रही है। पत्र में लिखा गया है कि प्रदेश सरकार खासकर ऐसे समय में उनकी उपेक्षा कर रही है, जबकि जनता में  सरकार के प्रति विश्वनीयता का ग्राफ निरंतर गिर रहा है। आज शासन के लगभग 18 विभागों के शासकीय कर्मचारियों, किसानों और युवा वर्ग में भाजपा की साथ गिरी है। जगह-जगह उसे जन आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है।
लगातार उपेक्षा से नाराज अतिथि विद्वानों द्वारा संघ प्रमुख को लिखे गये पत्र में चेतावनी दी गई है कि प्रदेश में शैक्षणिक स्तर पर कार्य करने वाले अतिथि शिक्षक और अथिति विद्वानों की संख्या 1 लाख 72 हजार से अधिक है, जिनमें लगभग 11500 अथिति विद्वान महाविद्यालयो में कार्यरत है जो 6 लाख युवाओं को प्रभावित कर सकने की क्षमता रखते हैं। इसी तरह अथिति शिक्षक भी लगभग 4 लाख से ज्यादा मतदाताओं को प्रभावित कर सकते है। आरएसएस यदि प्रदेश में फिर से भाजपा को काबिज करना चाहती है तो अथिति विद्वानों के पक्ष में अपेक्षित परिणाम दे। अन्यथा यह मानले आगामी समय में सरकार की संभावना अंतिम सांसे गिन रही है।

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