मध्यप्रदेश विधानसभा में वित्तमंत्री जयंत मलैया ने दो लाख करोड़ रूपए से ज्यादा का बजट पेश किया

आज मध्यप्रदेश विधानसभा में वित्तमंत्री जयंत मलैया  दो लाख करोड़ रूपए से ज्यादा का बजट पेश कर रहे हैं। इस बजट में शिक्षा, कृषि और स्वास्थ्य को फोकस किया गया है।वित्तमंत्री ने एक शेर पढ़कर बजट की शुरुआत की । इसके बाद एक के बाद बजट में शामिल होने वाली बातों का जिक्र किया।बजट में उन्होंने बताया कि मप्र की विकास दर राष्ट्रीय विकास दर से भी ज्यादा है। प्रदेश सरकार को पांच बार कृषि कर्मण अवॉर्ड मिला। प्रदेश के सभी शहरी क्षेत्र ओडीफ घोषित हो चुके हैं। प्रदेश में 7.5 लाख व्यक्तिगत शौचालय निर्माण किया गया। बजट पेश करने के लिए राज्‍य के वित्‍त मंत्री सुबह करीब 10 बजे विधानसभा पहुंच गए थे।बजट से पहले शिवराज कैबिनेट ने बजट का अनुमोदन किया, इसके बाद वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बजट भाषण शुरू किया। यह भाजपा सरकार का चौदहवां बजट था। वित्त मंत्री जयंत मलैया ने आज विधानसभा में कुल 2,04,642 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसमें सरकार का घाटा 26,780 रुपये रहा।

बजट में किसको क्या मिला, यहां देखें

कृषि

कृषि क्षेत्र के लिए बजट में एक हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादकता 18 से 35 क्विंटल हो गई है।, पांच साल में खेती से आय दोगुनी करेंगे। प्रदेश के 15 लाख किसानों को इस योजना का लाभ मिला है।  कृषि क्षेत्र की उपलब्धियों को जिक्र किया और कहा कि राज्य सरकार ने 7.3 फीसदी विकास दर हासिल की है।सिंचाई परियोजना के लिए 10928 करोड़ रुपए खर्च ,बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ और  भावंतर के लिए ₹3000 का प्रावधान किया गया है।माइक्रो सिचाई योजना के लिए 379 करोड़ खर्च किए जाएंगें।


किसान

वित्त मंत्री ने कहा कि अल्पकालिक कर्ज चुकाने हेतु डिफाल्टर किसानों के लिए समझौता योजना के तहत 350 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। किसानों को कर्ज चुकाने की अंतिम तारीख 28 मार्च से बढ़ाकर 27 अप्रैल की गई है। वित्तमंत्री ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र के लिए 1500 करोड़ से अधिक का प्रावधान किया गया है, जिससे 28 लाख किसानों को लाभ होगा।  समझौता योजना में 350 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। किसानों की फसल के संरक्षण के लिए कोल्ड स्टोरेज की संख्या बढ़ाई जाएगी। किसानों को उचित भाव देने के लिए भावांतर योजना चलाई जा रही है।


विपक्ष का हंगामा 

बजट के शुरु होते ही किसानों के मुद्दों को लेकर हंगामा किया गया।बजट भाषण के दौरान विपक्ष ने कई बार वित्तमंत्री को रोका लेकिन उन्होंने अपना भाषण जारी रखा। ।इसके बाद फिर विपक्षी सदस्यों ने नर्मदा नदी में पानी नहीं होने के मुद्दे पर हंगामा करना शुरू किया। इसके अलावा वित्त मंत्री के बजट भाषण में कांग्रेस ने फिर पकौड़े का मुद्दा उठाया। जिस पर वित्त मंत्री ने कहा कि 'पकौड़े बनाना अच्छा काम, आपको समझ में नहीं आएगा'


बिजली 

वित्तमंत्री ने कहा कि 2003 में बिजली कटौती होती थी। आज 18 हजार मेगावॉट बिजली मौजूद है, जो 2003 में करीब 5 हजार मेगावॉट थी. 83 हजार करोड का निवेश बिजली क्षेत्र में हुआ है।


सड़क

मध्य प्रदेश में चुनावी साल में शिवराज सरकार का सड़कों पर फोकस किया है । वित्तमंत्री ने कहा कि भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा, जिसमें जबलपुर, सागर, ग्वालियर शहरों में बायपास बनाया जाएगा।नई सड़कें बनवाने का 3000 किलो मीटर का लक्ष्य 18072 करोड़ रुपये रखा गया है। बिजली विभाग के लिए सड़क निर्माण 2018 19 में 10000 करोड रुपए है।वही इंदौर भोपाल मेट्रो शुरु करने का लक्ष्य स्मार्ट सिटी के लिए 700 करोड़ है। 532 सड़कों का निर्माण प्रस्तावित है।532 सड़कों का निर्माण प्रस्तावित है।


योजनाएं

आवास योजना के तहत 6600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पुलिस आवास योजना के लिए 240 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दी जाने वाली राशि में वृद्धि की जाएगी। अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 31.18 करोड़ का प्रावधान । तकनीकी शिक्षा एवं कौशल संवर्धन के लिए 1501 करोड़ का प्रावधान।  मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है।प्रदेश के निकायों की समस्त परियोजनाओं के लिए 11,932 करोड़ रुपये का प्रावधान।


मछली पालन

बजट में पशुपालन विभाग के लिए 1038 मंजूर किए गए। इसमें मत्स्य पालन के लिए 91.89  करोड रुपये खर्च किए जाने की बात कहीं।मछली पालन के लिए 51 करोड़ रुपए खर्च होंगे


उद्योग

वित्तमंत्री ने उद्योग को लेकर भी बजट में स्थान दिया। उन्होंने कहा कि उद्योग सर्वधन के लिए 1158 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।GST के बाद उद्योगों को सहायता के लिए 150 करोड़ मंजूर किए गए है।20 क्षेत्रों में लोक परिवहन बढ़ाया जाएगा।


मेट्रो प्रोजेक्ट

इंदौर और भोपाल में मेट्रो रेल परियोजना का शुभारंभ इसी साल किया जाएगा। स्मार्ट सिटी के लिए 700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।


शिक्षा 

स्कूल शिक्षा के लिए 21 हजार 724 करोड़  और उच्च शिक्षा के लिए 2244 करोड़ के लिए बजट का प्रावधान किया गया हे। अध्यापक संवर्ग को समाप्त कर शिक्षक बनाया जाएगा।  शिक्षक व अतिथि विद्वानों का वेतन बढ़ाया जायेगा। 

स्वच्छ भारत मिशन

 स्वच्छ भारत मिशन में शहरी क्षेत्र के लिए 395 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मध्यप्रदेश के सभी शहरी क्षेत्र ओडीफ घोषित हो चुके हैं, प्रदेश में 7.5 लाख व्यक्तिगत शौचालय निर्माण किया गया है।


पोषण आहार

वित्तमंत्री ने कहा कि पूरक पोषण आहार के लिए 3722 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पूरक पोषण आहार की आपूर्ति का काम महिला स्व सहायता समूह को सौंपा जाएगा। 


पेंशन

वार्षिक वेतन 1 लाख 80 हजार होने पर वृत्तिकर नहीं लगेगा, इससे ज्यादा वेतन पर 2500 वृत्तिकर होगा। 3 लाख रुपए वार्षिक वेतन के लिए देय कर 1500 रुपए होगा ।पेशन में 10 % वृद्धि का प्रस्ताव। पेंशनर्स के साथ ही निगम-मंडल के कर्मचारियों को मिलेगा सातवें वेतनमान का लाभ। 


स्वरोजगार

स्वरोजगार योजना में लोन की सीमा 1 करोड से बढाकर 2 करोड की गई। स्वरोजगार के लिए 774 करोड़ का प्रावधान। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत अगले वित्त वर्ष में 113285 ईकाइंयों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 


महिलाएं

महिला सशक्तिकरण के लिए 909 करोड का प्रावधान।वही लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए 9 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। महिला एवं बाल विकास के लिए 3722 करोड़ का प्रावधान।



पेयजल व्यवस्था

प्रदेश के निकायों की समस्त परियोजनाओं के लिए 11,932 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया हैय़ पेयजल के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 2986 करोड़ और शहरी क्षेत्र के लिए 697 करोड़ का प्रावधान किया 


 मेडिकल औऱ स्वास्थ्य

बजट में लोक स्वास्थ्य के लिए 5689 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में छह नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। आयुष के लिए 413 करोड़ का प्रावधान है। जबलपुर में राज्य कैंसर सेंटर का निर्माण होगा। देश में स्वास्थ्य सेवा में मध्यप्रदेश 17वे नंबर पर है। ग्रामीणा क्षेत्रों में दस बिस्तर का अस्पताल खोलने पर सरकार अनुदान देगी। स्वास्थ्य स्कीम से 77 लाख परिवार को लाभ मिलेगा।


विभागों के लिए 

 संस्कृति विकास के लिए 243 करोड़ का प्रावधान। वन विभाग के लिए 2706 करोड़ का प्रावधान। पुलिस के लिए 6434 करोड़ का प्रावधान। न्याय प्रशासन के लिए 1377 करोड़ का प्रावधान।

Post a Comment

0 Comments