झाँक रहे है इधर उधर सब
अपने अन्दर झांके कौन ?
ढूढ़ रहे दुनिया में कमियाँ
अपने मन में ताके कौन ?
दुनिया सुधरे सब चिल्लाते
खुद को आज सुधारे कौन ?
पर उपदेश कुशल बहुतेरे
खुद पर आज विचारे कौन ?
हम सुधरें तो जग सुधरेगा
यह सीधी बात स्वीकारे कौन ?

https://twitter.com/sirravishkumar/status/959614145850105856

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