मालदीव में सरकार पर संकट: राष्ट्रपति ने SC का ऑर्डर मानने से किया इनकार, सड़कों पर उतरे लोग

माले.   मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने राजनीतिक कैदियों की रिहाई करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से इनकार कर दिया है। इसके बाद लोग उनके खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। आर्मी को अलर्ट पर रखा गया है। उधर, अब्दुल्ला ने आर्मी को आदेश दिया है कि वह उन्हें गिरफ्तार करने या उन पर महाभियोग चलाने का आदेश मानने से इनकार कर दे।

- इससे पहले सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई रिव्यू पिटीशन चीफ जस्टिस ने खारिज कर दी। उन्होंने अपने ऑर्डर में कहा कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर मानना ही होगा। इससे सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच टकराव के हालात पैदा हो गए हैं। 

 

अब्दुल्ला के खिलाफ महाभियोग लाया जा सकता है
- खबर है अब्दुल्ला के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में महाभियोग लाने की तैयारी है। इसके बाद अटॉर्नी जनरल अनिल ने कहा है कि अगर ऐसा होता है तो सरकार इसका विरोध करेगी। 

 

सेना ने सुप्रीम कोर्ट को सुरक्षा घेरे में लिया
- चीफ जस्टिस ने रविवार को आरोप लगाया कि उन्हें और उनके साथी जज अली हामिद और जूडिशल एडमिनिस्ट्रेटर हसन सईद को अज्ञात लोगों से धमकियां मिल रही हैं। इसकी वजह से वे रात कोर्ट में ही बिताएंगे। इसके बाद सिक्युरिटी के मद्देनजर सेना और पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट कैम्पस को घेर लिया। 

 

क्या है मामला? 
- गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद समेत 9 लोगों के खिलाफ दायर एक मामले को खारिज कर दिया था। इनमें से कैद किए गए नेताओं की रिहाई का आदेश दिया था। 
- बता दें कि नशीद देश के पहले इलेक्ट हुए लीडर हैं। अभी वे ब्रिटेन में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। 
- कोर्ट ने राष्ट्रपति अब्दुल्ला की पार्टी से अलग होने के बाद बर्खास्त किए गए 12 विधायकों की बहाली का भी ऑर्डर दिया था।
- सरकार ने कोर्ट का यह ऑर्डर मानने से इनकार कर दिया है।

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