इब्राहीम बोहरा
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जब तापमान 45 डिग्री होगा और सूरज क़हर बरसा रहा होगा, तब एक इंसान दूसरे इंसान के लिए जल की सेवा उपलब्ध कराएगा।
कहीं प्याऊ लगेंगे तो कही कूलर,
कोई मटकी बाहर रखेगा तो कोई केन।
लेकिन उस बेचारे पंछी का क्या जिसका पानी या तो हमने दूषित कर दिया या इस्तेमाल। इंसानियत सिर्फ़ इंसान के प्रति दिखाने को नहीं बल्कि पशु-पक्षियों के प्रति दिखाने का नाम है।
इसलिए “अखबार” की समस्त हित में अपील है कि गर्मी आ गई है तो ऐसे दुशवार मौसम में पक्षियों के लिए अपने घर की मुंडेर पर या छत पर साफ-स्वच्छ पानी अवश्य भरें और हो सके तो पक्षियों के लिए दाना भी डालें।
अपीलकर्ता:
अख़बार न्यूज़ नेट्वर्क
जब तापमान 45 डिग्री होगा और सूरज क़हर बरसा रहा होगा, तब एक इंसान दूसरे इंसान के लिए जल की सेवा उपलब्ध कराएगा।
कहीं प्याऊ लगेंगे तो कही कूलर,
कोई मटकी बाहर रखेगा तो कोई केन।
लेकिन उस बेचारे पंछी का क्या जिसका पानी या तो हमने दूषित कर दिया या इस्तेमाल। इंसानियत सिर्फ़ इंसान के प्रति दिखाने को नहीं बल्कि पशु-पक्षियों के प्रति दिखाने का नाम है।
इसलिए “अखबार” की समस्त हित में अपील है कि गर्मी आ गई है तो ऐसे दुशवार मौसम में पक्षियों के लिए अपने घर की मुंडेर पर या छत पर साफ-स्वच्छ पानी अवश्य भरें और हो सके तो पक्षियों के लिए दाना भी डालें।
अपीलकर्ता:
अख़बार न्यूज़ नेट्वर्क
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