मठ की 50 बीघा जमीन हमारी है- विधायक | प्रशासन रहेगा प्रबंधक- कलेक्टर का आदेश



सुखानंद रोड के किनारे आसान दरियानाथ की सर्वे नंबर 28 की करीब 50 बीघा जमीन पर विधायक ने अपना हक जताया था तो भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष शंभुलाल धाकड़ ने जमीन मठ की होने का मामला उठाया था। धाकड़ ने शिकायतें भी की थी और तहसीलदार न्यायालय से कलेक्टर कार्यालय तक केस चलेे। 4 जून को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रमसिंह ने आदेश जारी किया। इसमें उन्होंने कहा जावद एसडीएम और तहसीलदार ने आसन दरियानाथ की जमीनों को लेकर एक प्रतिवेदन दिया है। इसके बिंदु क्रमांक 2 कहा गया मप्र शासन धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के 28 दिसंबर 2011 के आदेश के अनुसार आसन दरियानाथ की भूमि और उससे संबंधित अन्य भूमियों पर प्रबंधक के रूप में कलेक्टर नीमच का नाम यथावत रहेगा। इससे सहमत होकर इस आदेश पर कार्रवाई की जाए। कलेक्टर ने बताया मामला हाईकोर्ट में भी चल रहा है और इस संबंध में शासन से मार्गदर्शन मांगा गया है। 

1967 में खरीदी थी जमीन, आदेश देखकर कुछ कह सकूंगा- सखलेचा 

विधायक सखलेचा ने कहा मठ की जमीन सौ फीसदी हमारी है, इसमें कोई गलती नहीं है। मेरे परिवार ने 1967 में जमीन खरीदी थी जिस पर हमारा हक है। कलेक्टर ने कोई आदेश जारी किया है, इसकी जानकारी नहीं है। आदेश आने पर उसे देखने के बाद ही इस मामले में कुछ कह सकूंगा। 

नेता प्रतिपक्ष ने विस में उठाया था मामला 

आसन दरियानाथ मठ की भूमि पर कब्जे का मामला विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने उठाया था। ध्यान आकर्षण सूचना क्रमांक 94 के जरिए जावद विकासखंड से जुड़ा मुद्दा उठाया। सिंह ने मठ की भूमि को देवस्थान के अधीन बताया। जिस पर कुछ प्रभावशाली लोग कब्जा कर रहे हैं। भूमि का विक्रय पत्र संपादित किया गया। नामांतरण के बाद भवन निर्माण भी किया गया। अब इस भूमि का वित्तीय संस्थान के रूप में उपयोग किए जाने की तैयारी है। इसे बंधक रखकर डेयरी और पॉली हाउस के लिए लोन लिया जाना बेहद चिंता का विषय है। 

दो लोगों ने की थी शिकायत 

मठ की भूमि पर प्रभावशाली लोगों के कब्जे को लेकर 2011 में कांग्रेस नेता राजकुमार अहीर ने, भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष शंभुलाल धाकड़ ने 2 जनवरी 2018 को मठ की भूमि पर कब्जे की कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रमसिंह से शिकायत की थी। लेकिन प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की गई। मार्च में मंदसौर दौरे पर आए सीएम चौहान को भी शिकायत की थी। लेकिन उनके द्वारा भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया।

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